रायपुर : मुख्य राज्य सूचना आयुक्त के निर्देशानुसार सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अन्तर्गत आवेदन प्राप्त करने के लिए ऑनलाईन वेबपोर्टल का निर्माण किया जा रहा है। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अन्तर्गत आवेदन प्राप्त किए जाने हेतु ऑनलाईन वेबपोर्टल के साफ्टवेयर तैयार हो जाने से आवेदक जनसूचना अधिकारी, प्रथम अपीलीय अधिकारी और द्वितीय अपील के आवदेन के साथ अधिनियम के तहत वांछित शुल्क ऑनलाईन जमा किया जा सकेगा।
मुख्य राज्य सूचना आयुक्त एम.के.राउत ने बताया कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अन्तर्गत ऑनलाईन आवेदन प्राप्त करने के लिए भारत सरकार के सभी विभाग सहित कुछ राज्यों के द्वारा वेबपोर्टल बनाया गया है। उन्होंने बताया कि ऑनलाईन वेबपोर्टल के साफ्टवेयर तैयार हो जाने से आवेदक जनसूचना अधिकारी/प्रथम अपीलीय अधिकारी और द्वितीय अपील के आवदेन के साथ अधिनियम के तहत वांछित शुल्क ऑनलाईन जमा कर सकेगें, इससे समय और अनावश्यक व्यय से बचा जा सकेगा।
माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली में प्रस्तुत याचिका क्रमांक 360-2021 किशन चंद बनाम भारत संघ एवं छत्तीसगढ़ शासन के साथ ही राज्य सूचना आयोग को भी पक्षकार बनाया गया है। इस याचिका में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अन्तर्गत ऑनलाईन आवेदन प्रेषित करने के लिए वेबपार्टल निर्माण की मांग की गई है। इसी प्रकार माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली में प्रस्तुत याचिका क्रमांक 1040-2019 प्रवासी लीगल सेल बनाम भारत संघ एव अन्य में छत्तीसगढ़ शासन को नाटिस जारी कर सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अन्तर्गत ऑनलाईन आवेदन प्राप्त करने के लिए वेबपार्टल निर्माण की मांग की गई है।
कोविड-19 के गाईड लाईन को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अन्तर्गत ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से आवेदन प्राप्त किए जाने के संबंध में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एन आई सी) मंत्रालय को उल्लेखित पोर्टल बनाने के संबंध में निर्देश छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग को दिए हैं। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एन आई सी) द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अन्तर्गत आवेदन प्राप्त किए जाने हेतु ऑनलाईन वेबपोर्टल का निर्माण किया जा रहा है।
मुख्य राज्य सूचना आयुक्त एम.के.राउत ने बताया कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अन्तर्गत ऑनलाईन आवेदन प्राप्त करने के लिए भारत सरकार के सभी विभाग सहित कुछ राज्यों के द्वारा वेबपोर्टल बनाया गया है। उन्होंने बताया कि ऑनलाईन वेबपोर्टल के साफ्टवेयर तैयार हो जाने से आवेदक जनसूचना अधिकारी/प्रथम अपीलीय अधिकारी और द्वितीय अपील के आवदेन के साथ अधिनियम के तहत वांछित शुल्क ऑनलाईन जमा कर सकेगें, इससे समय और अनावश्यक व्यय से बचा जा सकेगा।
माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली में प्रस्तुत याचिका क्रमांक 360-2021 किशन चंद बनाम भारत संघ एवं छत्तीसगढ़ शासन के साथ ही राज्य सूचना आयोग को भी पक्षकार बनाया गया है। इस याचिका में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अन्तर्गत ऑनलाईन आवेदन प्रेषित करने के लिए वेबपार्टल निर्माण की मांग की गई है। इसी प्रकार माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली में प्रस्तुत याचिका क्रमांक 1040-2019 प्रवासी लीगल सेल बनाम भारत संघ एव अन्य में छत्तीसगढ़ शासन को नाटिस जारी कर सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अन्तर्गत ऑनलाईन आवेदन प्राप्त करने के लिए वेबपार्टल निर्माण की मांग की गई है।
कोविड-19 के गाईड लाईन को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अन्तर्गत ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से आवेदन प्राप्त किए जाने के संबंध में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एन आई सी) मंत्रालय को उल्लेखित पोर्टल बनाने के संबंध में निर्देश छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग को दिए हैं। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एन आई सी) द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अन्तर्गत आवेदन प्राप्त किए जाने हेतु ऑनलाईन वेबपोर्टल का निर्माण किया जा रहा है।
0 تعليقات