- बिहान की महिलाओं द्वारा छत्तीसगढ़ी संस्कृति के अुनरूप निर्मित परंपरागत सुन्दर राखियों से सजेंगी भाईयों की कलाईयां...
- स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित राखियां खरीद कर उनका उत्साहवर्धन करें- कलेक्टर
- परंपरागत धान, बांस, चावल, अरहर, रखिया बीज, मोती एवं खुबसूरत रंग-बिरंगे धागों तथा डिजाईन से सजी राखियोंं की वेरायटी...
- गढ़कलेवा परिसर में राखियां विक्रय के लिए उपलब्ध...
- केटलॉग से अपनी पसंदीदा राखी का कोड लिख कर व्हाट्सअप, कोरियर, डाक एवं अन्य माध्यमों से मंगवा सकते हैं जनसामान्य...
राजनांदगांव : राखी केवल एक धागा नहीं है, एक अभिव्यक्ति भी है। रक्षाबंधन के त्यौहार पर इस बरस बिहान के स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा छत्तीसगढ़ी संस्कृति के अुनरूप निर्मित परंपरागत सुन्दर राखियों से भाईयों की कलाईयां सजेंगी। भाई-बहन के प्यार में मिठास घोलेंगी बिहान की राखियां। कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने नागरिकों से अपील की है कि रक्षाबंधन के पावन पर्व पर स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित राखियां खरीद कर उनका उत्साहवर्धन करें।
बिहान के स्वसहायता समूह की महिलाओं ने परंपरागत धान, बांस, चावल, अरहर, रखिया बीज, मोती एवं खुबसूरत रंग-बिरंगे धागों तथा डिजाईन से सजी राखियां वेरायटी का निर्माण किया है, जो कलेक्टोरेट के गढ़कलेवा परिसर में बिहान के राखी स्टॉल विक्रय केन्द्र में उपलब्ध है। साथ ही वाट्सअप नंबर 9009803794 एवं 7049936001 से संपर्क कर राखी मंगाई जा सकती है। केटलॉग से अपनी पसंदीदा राखी का कोड लिख कर व्हाट्सअप, कोरियर, डाक एवं अन्य माध्यमों से मंगवा सकते हैं। न्यूनतम 50 से 100 नग राखी आर्डर पर 10 प्रतिशत डिस्काउंट, न्यूनतम 100 से 500 नग राखी आर्डर पर 20 प्रतिशत डिस्काउंट, न्यूनतम 500 से अधिक नग राखी आर्डर पर 25 प्रतिशत डिस्काउंट मिलेगा। आर्डर प्राप्त होने के तीन से 4 दिन के भीतर राखी उपलब्ध कराई जाएगी। राखी स्टॉल में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान की जय माँ शीतला स्वसहायता समूह तथा जय माँ अम्बे समूह की महिलाएं राखी का विक्रय कर रही हैं। इन महिलाओं को राखी निर्माण के लिए स्टार्टअप विलेज एन्टरप्रेन्योटशिप प्रोग्राम के तहत चार दिन का प्रशिक्षण दिया गया।
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