- स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग के समन्वय से तैयार हुई रणनीति...
- प्रदेश के 13 से 15 वर्ष के 8 प्रतिशत किशोर करते हैं तंबाकू का उपयोग...
रायपुर : तंबाकू निषेध कानून का सख्ती से पालन करने के लिए और शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए राज्य भर में (तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान) टॉफी (Tobacco Free Educational Institution) को क्रियान्वयन किया जाएगा। केन्द्रीय निर्देश मिलने के बाद प्रदेश के 54,000 स्कूल एवं कॉलेजों को 2023 तक तंबाकू मुक्त बनाने के तहत कार्य शुरू कर दिया गया है।
राष्ट्रीय स्तर पर इसके लिए 11 बिंदुओं पर क्रियान्वयन सुनिश्चित की गई है। जिसके अंतर्गत कोटपा (सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट्स एक्ट, 2003) की धारा 4 एवं 6 का अनुपालन महत्वपूर्ण होगा। उक्त कार्य के लिए स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग ने संयुक्त रूप से समन्वय की रणनीति तैयार की है। भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव विकासशील ने सभी राज्यों के नो़डल अधिकारी से चर्चा की, विशेष रूप से छत्तीसगढ़ राज्य के नोडल अधिकारी से चर्चा कर शैक्षणिक संस्थानों के तंबाकू मुक्ति की दिशा में क्रियान्वयन के लिए शिक्षा विभाग के साथ-साथ गैर सरकारी संगठनों का सहयोग लेने का सुझाव भी दिया है।
तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान “टॉफी” हेतु मापदंड- 11 सूत्रीय मापदंडों में शिक्षण संस्थान के सभी प्रमुख स्थानों पर तंबाकू मुक्त क्षेत्र साइनेज प्रदर्शित होना, साइनेज में संस्था के नोडल का नाम, पदनाम, संपर्क नंबर उल्लेखित होना, संस्थान के प्रवेश द्वार पर साइनेज का प्रदर्शन होना, तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान क्षेत्र के साइनेज में नाम, पदनाम, संपर्क नंबर उल्लेखित होना. शिक्षण संस्थान के अंदर तंबाकू उत्पादों के उपयोग का कोई निशान(जैसे सिगरेट, बीड़ी, गुटखा, तंबाकू के पाउट या धूक का निशान) नहीं होना, संस्थान के भीतर तंबाकू के नुकसान पर आधारित जागरूकता सामग्री प्रदर्शित होना, 6 माह में कम से कम एक बार तंबाकू नियंत्रण गतिविधित का आयोजित होना, तंबाकू मॉनिटर्स का चयन कर उनका नाम, पदनाम और संपर्क नंबर साइनेज पर दर्शाना, संस्थान की आचार संहिता में तंबाकू निषेध के मापदंड का समावेश किया जाना, संस्थान का सीमांकन दिवार एवं बाहरी दिवार से 100 गज क्षेत्र का अंकन किया जाना तथा संस्थान के 100 गज के अंदर तंबाकू उत्पाद बेचने वाली कोई दुकान नहीं होना आदि शामिल है।
वर्ष 2023 तक 54,000 शैक्षणिक संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने का लक्ष्य- राज्य नोडल अधिकारी (तंबाकू नियंत्रण) डॉ.कमलेश जैन ने बताया देश की 35 प्रतिशत आबादी युवाओं की है। उनमें 15-39 वर्ष की 30 प्रतिशत आबादी तंबाकू के नशे की गिरफ्त में है, जिसमें छत्तीसगढ की संख्या 39 प्रतिशत है। प्रदेश के 13 से 15 वर्ष के 8 प्रतिशत के तंबाकू का उपयोग करने का खुलासा भी ग्लोबल यूथ टोबैको (जीवाईटीएस) सर्वे 2019 में हुआ है। इसी के मद्देनजर स्कूलों, शैक्षणिक संस्थानों को टॉफी (तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान) के माध्यम से तंबाकू मुक्त बनाया जाएगा। केन्द्र सरकार ने 2023 तक देश के समस्त शैक्षणिक संस्थाओं को तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान बनाए जाने का लक्ष्य रखा है। जिसे सामुदायिक सहभागिता एवं विभागीय समन्वय से निर्धारित मापदंडों के आधार पर प्राप्त किया जाएगा। डॉ.जैन ने बताया “केन्द्र से मिले दिशानिर्देशों पर प्रदेश में कार्य शुरू कर दिया गया है। वर्ष 2023 तक प्रदेश के 54,000 स्कूल एवं कॉलेजों को तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान (टॉफी) के रूप में उभारा जाएगा।
इस तरह की व्यवस्था- प्रदेश के स्कूलों को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए शैक्षणिक संस्थानों में नोडल शिक्षक का चयन, संस्थानों में तंबाकू संबंधित जागरूकता कार्यक्रम, कोटपा अधिनियम की धारा 4 एवं 6 से संबंधित साइन बोर्ड का प्रदर्शन, संस्थानों के 100 गज की दूरी पर तंबाकू पदार्थ के विक्रय पर प्रतिबंध आदि प्रमुख है। कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं।
लगभग 39 प्रतिशत लोग करते हैं तंबाकू सेवन- वैश्विक वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण (जीएटीएस) 2016-17 के अनुसार छत्तीसगढ़ के 39.1 प्रतिशत लोग तंबाकू का सेवन करते हैं। इनमें 36 प्रतिशत गुटखा या अन्य चबाने वाले तंबाकू का सेवन करते हैं तथा 5.5 प्रतिशत धूम्रपान करते हैं। इसे देखते हुए प्रदेश में तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम 28 जिलों में विशेष रूप से चलाया जा रहा है।
0 टिप्पणियाँ