अपने ही समाज के विरुद्ध दायर किया मामला...
संवाददाता : मो.सफदर हुसैन
गरियाबंद : महिला संरक्षण कानून जहां देश भर में एक ओर महिलाओं को सुरक्षा एवं संरक्षण प्रदान कर रहा है, तो वहीं कहीं महिलाओं को आपबीती बताने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लेना पड़ रहा है। सोशल मीडिया का सहारा लेने के बाद आमतौर पर देखा जाता है कि महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए प्रशासन उठ खड़ा होता है, लेकिन क्या सोशल मीडिया पर वायरल हो रही चीजें सत्यता को प्रमाणित करती है ? नहीं, हरगिज़ नहीं! बिल्कुल सत्यता को प्रमाणित करने के लिए प्रशासनिक अमला मुस्तैदी से कार्यरत रहता है जो कई दृष्टिकोण और बारीकियों से मामले की पड़ताल करता है जिसके बाद हकीकत सामने आती है ।
ताज़ा मामला छत्तीसगढ़ राज्य से आ रहा है जहां गरियाबंद जिले के राजिम थाना मे विगत शुक्रवार को मुस्लिम जमात के 100 से 150 लोगों ने अपने खिलाफ हो रहे वीडियो वायरल के संबंध में थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपा ।
ज्ञात हो कि पिछले शुक्रवार को ज्ञापन सौंपने पहुंचे लोगों में पुरुषों के भारी संख्या के साथ-साथ 20 से 25 महिलाएं भी उपस्थिति थीं। लोगों ने बताया कि आपसी रंजिश के वजह से एक महिला द्वारा समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति के विरुद्ध सोशल मीडिया पर अभद्रता पूर्वक वीडियो वायरल किया गया है, जिससे समाज एवं उस व्यक्ति विशेष की छवि धूमिल हो रही है और मांसिक रूप से काफी प्रताड़ित हैं।
आपके संज्ञान में डालने योग्य बात यह है कि एक वीडियो राजिम से वायरल हुआ है, जिसमें महिला आपबीती बताते हुए अपने ऊपर हुए अत्याचार को बयां कर रही है। इस वीडियो में जिस व्यक्ति का नाम महिला बार-बार ले रही है, वह नवापारा के मुस्लिम जमात का सदर और साथ ही साथ क्षेत्र के 22 जमात के संविलियन से इत्तिहाद कमिटी का सदर अल्तमश सिद्दीकी है।
वायरल वीडियो में महिला ने अल्तमश सिद्दीकी पर आरोप लगाते हुए बताया है कि घर में घुसकर अल्तमश ने कपड़े को फाड़ते हुए निर्ममता से मारा पीटा है। बार-बार अल्तमश सिद्दीकी का नाम लेते हुए अपने ऊपर हुए प्रताड़ना को वीडियो में महिला दिखा रही है। पाठक गण संबंधित वीडियो न्यायालय प्रक्रिया में संलग्न होने के कारण हम आपसे उस वीडियो को साझा कराने में अक्षम हैं, जिसकी हम खेद व्यक्त करते हैं।
बहरहाल, थाना पहुंचे जमात के लोगों ने ज्ञापन सौंपने के बाद 24 समय हिंदी खबर की टीम से बताया कि वायरल वीडियो बेबुनियाद है, जिसे रंजिश की वजह से उक्त महिला ने वायरल किया है। इस कृत्य से पूरे समाज के साथ-साथ अल्तमश सिद्दीकी की छवि भी धूमिल हुई है और क्षेत्र में अपमान का विषय बने हुए हैं। ऐसे कृत्य पर कार्यवाही करते हुए अंकुश लगाने बाबत थाना प्रभारी को मामले से अवगत कराया गया है इसके बाद न्याय के लिए प्रशासन से उम्मीद रखते हैं ।
हमारी टीम द्वारा पड़ताल मे जब महिला से उसका पक्ष जानना चाहा तो, महिला ने बताया कि वर्षों से व्यक्तिगत विवाद को लेकर जमात के कुछ लोगों के विरुध न्यायालय में उनका केस चल रहा है। जिसके फलस्वरूप उसी जमात से कुछ लोग उसके घर घुस आए, जिसमें अल्तमश सिद्दीकी भी था। इसके बाद उनमें से कुछ ने घर के दरवाज़े को बंद दिया और फिर मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाना शुरू किया। महिला द्वारा केस वापस ना लेने की बात पर बिफरते हुवे अल्तमश सिद्दीकी ने मारपीट शुरू कर दी।
लेकिन जैसा कि महिला ने केस वापस ना लेने की बात पर मारपीट किए जाने की बात कही है, तो वहीं दूसरी ओर उक्त महिला द्वारा दर्ज एफआईआर में केस वापस लेने पर जान से मारने की धमकी दी गयी थी। आपको बताते चलें से महिला द्वारा दिए गए बयान से दो अलग-अलग तथ्य सामने आ रहे हैं। साथ ही वायरल वीडियो में जिस तरह से समाज, जमात और अल्तमश सिद्दीकी के खिलाफ बयान आया है, इसके बाद क्षेत्र के जमात से जुड़े लोगों में खासा आक्रोश देखा गया है। फिलहाल मामला राजिम थाना के सुपुर्द है जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद कार्यवाही की बात राजिम थाना से कही है।
नोट : इस ख़बर से जुड़ी अपनी राय देने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक कर अपना वोट ज़रूर दें...👇
0 تعليقات