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एन.एस.यू.आई. का अवैध रेत खनन पर आंदोलन...


संवाददाता : मो.सफदर हुसैन

गरियाबंद : पिछले कुछ समय से अवैध रेत खनन माफिया दादागिरी के रास्ते पर चल रहे हैं। अवैध रेत खनन रोकने के लिए काम करने वाले अधिकारी कान में रुई डाले बैठे हैं। ऐसी स्थिति को देखकर लगता है कि रेत खनन माफिया को किसी भी कार्रवाई का डर नहीं रह गया है। रात के अंधेरे में हो या दिन-दहाड़े, बेखौफ एवं बेलगाम नदी संपदा का नोच-खसोठ धड़ल्ले से जारी है।
गरियाबंद के नगर फिंगेश्वर एन.एस.यू.आई. कार्यकर्ताओं ने आज तेहसील एवं जनपद परिसर के सामने धरना-प्रदर्शन किया, कार्यकर्ताओं ने बताया कि अवैध खनन पर अंकुश लगाने के संबंध में पिछले महीने भी तेहसीलदार को ज्ञापन दिया गया था, लेकिन महिना बीत जाने के बाद भी न तो किसी तरह की कार्यवाही हुई और न ही रेत खनन पर लगाम कसा गया। 15 दिनों के समय सीमा में अगर प्रशासन ऐसे अवैध खनन पर नकेल नहीं कसा गया तो उग्र आंदोलन किया जायेगा।
अवैध रेत खनन करने वाले सूखा नदी के तटों को खोखला कर रहे हैं और प्रशासन मौन है। आंदोलन कार्यकर्ताओं ने बताया कि न्यायालय और एनजीटी की रोक के बाद भी सूखा नदी के तटों पर खनन रूकने का नाम नहीं ले रहा है। एन.एस.यू.आई. के जिला संयोजक गुलशन रात्रे ने बताया कि खजिन विभाग के अधिकारी सूचना देने के बाद भी मौके पर कार्रवाई के लिए नहीं पहुंचते हैं। इससे इनकी कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। कार्यकर्ताओं ने बताया कि प्रशासन की अनदेखी से जहाँ एक ओर खनिज विभाग को करोड़ों का चूना लग रहा है तो वहीं दूसरी ओर नदी का अस्तित्व भी खतरे में है, साथ ही किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। आंदोलन की इस कड़ी में एन.एस.यू.आई. जिला संयोजक गुलशन रात्रे के साथ एन.एस.यू.आई. कार्यकर्ता, यूवा नेता सोहन सोनवानी, अतीक वारिस, डागेश्वर मांडले, किसेश्वर घृतलहरे, अमित नंद, राजा मांडले, अनिल मार्कण्डे, खुमान सोनवानी, दुर्गेश मांडले, नारायण कुर्रे, टुकेश्वर साहू, नरेंद्र मांडले, कमलेश कुमार, सप्तऋषि साहू, उगेन्द्र खूटे, रमाकांत मरकाम, मनोज साहू आदि मौजूद रहे।



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