महासमुंद : सरकार पंचायतीराज अधिनियम लागू कर पूरा अधिकार ग्राम पंचायतों को दिया है, लेकिन पंचायत प्रतिनिधी सहित पंचायत में बैठे शासन के नुमाईंदे सरकार से मिले अधिकारों का जमकर दुरूपयोग कर रहे हैं और शासन से मिलने वाली ग्राम विकास की राशि डकारने में लगे हुए हैं। ऐसा ही मामला जिला व विकासखंड महासमुंद के ग्राम पंचायत कुकराडीह का है, जहाँ ग्राम पंचायत के आश्रित गाँव तेंदुवाहि में बन रहे आरसीसी सड़क में हो रहा भ्रष्टाचार सामने आया है।
सरपंच जीवन लाल साहू शासन के मापदण्डों की खुलेआम उड़ा रहे धज्जियां...
ग्राम पंचायत कुकराडीह के आश्रित गाँव तेंदुवाहि में लाखों रूपये की राशि से आरसीसी सड़क का निर्माण किया जा रहा है, जहां सरपंच द्वारा सड़क निर्माण में बिछने वाली सामग्री के साथ-साथ बगैर बेस के गिट्टी डलवाई जा रही है, साथ ही निर्माण कार्य में वाइब्रेटर का उपयोग भी जिम्मेदारों द्वारा नहीं किया जा रहा है, सूत्रों की माने तो सरपंच ने उक्त सड़क निर्माण का ठेका ले रखा है, निर्माण कार्य इतनी तेजी से किया जा रहा है कि इसमें खुलेआम गुणवत्ता सहित मापदण्डों की अवहेलना हो रही है, लेकिन आरईएस विभाग जिसने कार्य की निगरानी करनी है, वह इस ओर से अपनी आंखे मूंदी हुई है।
यह कहते हैं जानकार...
जानकारों की माने तो सड़क की ऊपरी 4 इंची गिट्टी बिना वाइब्रेटर मशीन के दबाई गई है। इससे यह सड़क जल्द ही उखड़ जाएगी। नियमानुसार गिट्टी के बेस के ठीक तरह से दबने के बाद 10 दिन के बाद इस पर 4 इंची सीमेंट कंक्रीट किया जाना चाहिए ताकि सड़क मजबूत बने, लेकिन इसका ध्यान नहीं रखा जा रहा है। विभागीय जिम्मेदार निर्माण कार्य देखने तक नहीं आते। ऐसे में जनता की गाढ़ी कमाई को पंचायत के जिम्मेदार पानी में बहा रहे हैं। कुछ दिन बाद इसी सड़क के लिए लोगों को फिर से परेशान होना पड़ेगा।
साँठ-गाँठ से फिर परेशान होंगे ग्रामीण...
ग्राम पंचायत में बैठे जिम्मेदार सड़क निर्माण को कुछ कमीशन के लिए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा रखे हैं। इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ेगा। पंचायत के लोग कई साल तक इस सड़क में कीचड़ से होकर गुजरते रहे हैं। जब सड़क निर्माण हो रहा है तो इसे भी जिम्मेदार ठीक से नहीं करवा रहे हैं। सरपंच जीवन लाल साहू द्वारा आरईएस के इंजीनियर से साँठ-गाँठ कर निर्माण कार्य समाप्ति के बाद बिल आहरण में होने वाली सुगमता से पूरे आश्वस्त हैं। स्थानीय लोगों की मांग है कि उक्त सड़क निर्माण की जांच की जाए और जारी राशि के आहरण पर त्वरित रोक लगाई जाए साथ ही भ्रष्टाचार करने वाले पर कड़ी कार्यवाही की जाये।
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