पौष्टिक आहार, हरी सब्जियों और पोषण वाटिका के बारे में जाने हितग्राही-रीता चौधरी...
रायपुर : जिले के गुढ़ियारी सेक्टर अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा छठा राष्ट्रीय पोषण माह का हुआ समापन कार्यक्रम मनाया गया। इस वर्ष, इसका उद्देश्य जीवन-चक्र दृष्टिकोण के माध्यम से कुपोषण से व्यापक रूप से निपटना है। पोषण माह का केंद्र बिंदु गर्भावस्था, शैशवावस्था, बचपन और किशोरावस्था के बारे में व्यापक जागरूकता पैदा करना है। साथ ही सुपोषित भारत के उद्देश्य को बढ़ावा देना है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी निशा मिश्रा के नेतृत्व एवं रायपुर शहरी 2 की परियोजना अधिकारी सुश्री सरोजनी चौधरी के मार्गदर्शन में पोषण माह के समापन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
पांच माह की गर्भवती कुलेश्वरी साहू और पुष्पा यादव बताती हैं, पोषण माह में आंगनबाड़ी केंद्र पर पोषण आहार के बारे में दीदी द्वारा बताया गया। पोषण माह के समापन अवसर पर पोषण प्रदर्शनी लगाई गई और पोषण आहार के बारे में बताया कि गर्भवती को आहार मे प्रतिदिन 1500 -1600 मिलीग्राम कैल्शियम मिलना चाहिए। गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु की स्वस्थ और मजबूत हड्डियों के लिए इन तत्वों कि आवश्यकता रहती है। कैल्शियम युक्त आहार में दूध और दूध से बने व्यंजन, दलहन, मक्खन, चीज, मेथी, बीट, अंजीर, अंगूर, तरबूज, तिल, उड़द, बाजरा का समावेश होना चाहिए।
पोषण माह जानकारी देते हुए गुढ़ियारी सेक्टर की सुपरवाइजर रीता चौधरी ने बताया: ’’राज्य शासन के निर्देश पर 01 सितम्बर 30 सितम्बर तक “पोषण भी पढ़ाई भी” की थीम पर है आयोजित किया गया था। बच्चों, किशोर-किशोरी, गर्भवती और धात्री महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए विटामिन, कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों का मिलना बहुत जरूरी होता है। पोषक तत्वों से भरपूर खानपान अपनाने पर ही एक सुपोषित समाज की परिकल्पना की जा सकती है। सुपोषित समाज की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से आंगनबाड़ी केंद्र हरी साग सब्जियों की प्रदर्शनी लगाई गई। हितग्राही को पोषण वाटिका के बारे में भी बताया गया । अपने प्रतिदिन के भोजन में हरी साग सब्जियों का आवश्यक रूप से उपयोग करें। आंगनबाड़ी केन्द्रों में जो रेडी टू ईट दिया जाता है उसके भी विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाए गए और प्रदर्शनी के रूप में लगाकर हितग्राहियों को बताया गया। बच्चों को तरह-तरह के व्यंजन बनाकर खिलाएं इसके साथ ही अक्षय पत्र में दाल, चावल, सब्जी जो इकट्ठा किया गया था, उसे भी बाल भोज के रूप में महीने में एक दिन खिलाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ महतारी बनकर कार्यकर्ता के द्वारा हरी साग सब्जियों को आवश्यक रूप से अपने भोजन में शामिल करें इसकी भी जानकारी विस्तृत रूप से दी गई। इसके अलावा स्वस्थ शिशु प्रतियोगिता के तहत साहिल को प्रस्तुत किया गया। साथ ही “पोषण भी पढ़ाई भी” थीम पर चित्रकला का आयोजन किया गया था। उनके भी प्रतिभागियों को प्रस्तुत किया गया।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नंदा रामटेके, प्रतिमा गजभिए, लक्ष्मी तिवारी, ममता ढीढी, सुजाता अर्चना और जया ने बताया कि रेडी टू ईट फूड में गेहूं, सोयाबीन, चना, शक्कर, सोयाबीन तेल, फल्ली दाना एवं रागी शामिल है। आंगनबाड़ी केंद्र से बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पूरक पोषण आहार के रूप में रेडी टू ईट का वितरण हर महीने किया जाता है।
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