सीसीएल द्वारा रेलवे कॉलोनी में वन महोत्सव का आयोजन...
बोकारो, झारखण्ड : वन महोत्सव भारत सरकार द्वारा वृक्षारोपण को प्रोत्साहन देने के लिए प्रति वर्ष आयोजित किया जाने वाला एक महोत्सव है। यह 1950 के दशक में पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक परिवेश के प्रति संवेदनशीलता को अभिव्यक्त करने वाला एक आंदोलन था।
सीसीएल कथारा क्षेत्र द्वारा गुरुवार को रेलवे कॉलोनी मैदान में वन महोत्सव के तहत "एक पेड़ मां के नाम" कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महोत्सव में मुख्य अतिथि गोमिया विधायक, बोकारो के वन क्षेत्र पदाधिकारी (डीएफओ) के अलावा क्षेत्र के महाप्रबंधक आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर अतिथियों से भी वन महोत्सव में अधिक से अधिक पेड़ लगाने की अपील की। जिसमें छायादार व फलदार पौधे निशुल्क वितरित किये गये और साथ ही आयोजन स्थल के चारों तरफ जन उपयोगी और फलदार दर्जनों वृक्ष लगाए भी गए। कार्यक्रम का शुभारंभ उपस्थित अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर तथा सम्मान समारोह आयोजित कर किया गया।
वन महोत्सव समारोह के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि गोमिया विधायक डॉ लंबोदर महतो ने संबोधित करते हुए कहा कि एक समय था जब यहां चारों तरफ हरियाली रहता था। आज औद्योगिकरण तथा वन क्षेत्र के अतिक्रमण का ही परिणाम है कि आज आए दिन ग्रामीण क्षेत्रों में हाथियों का समूह द्वारा आक्रमण किया जा रहा है। वन्य जीव अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए यहां के ग्रामीण तथा कसवाई इलाके में आकर आतंक मचा रहे हैं। इसमें उन वन्य जीवों का दोष नहीं बल्कि हम सभी का दोष है। उन्होंने कहा कि जब तक यहां पुनः हरियाली नहीं आएगी, सूख चुके तथा अवैध तरीके से काटे गए वृक्षों के स्थान पर नए वृक्ष नहीं लगाए जाएंगे। तब तक ना तो हम पर्यावरण के प्रकोप से बच सकते हैं और ना ही हम सब विभिन्न बीमारियों से बच पाएंगे। इसलिए आज जरूरी हो गया है कि अधिक से अधिक वृक्ष लगाने को।
समारोह में बोकारो के वन क्षेत्र पदाधिकारी (डीएफओ) रजनीश कुमार ने कहा कि पर्यावरण सुरक्षा के लिए आज वृक्ष लगाना बहुत ही आवश्यक हो गया है। इसलिए मेरा आग्रह है कि आप सब केवल वृक्ष ही ना लगायें बल्कि उसकी रक्षा अवश्य करें।
क्षेत्र के महाप्रबंधक संजय कुमार ने कहा कि सीसीएल प्रबंधन पर्यावरण के प्रति काफी गंभीर है। यही कारण है कि पिछले वर्ष कथारा क्षेत्र द्वारा 55 हजार से अधिक पेड़ विभिन्न परियोजनाओं के खाली पड़े स्थलों के अलावा सड़कों के किनारे तथा कॉलोनीयो में लगाए गए। उन्होंने कहा कि उनकी सोंच है कि इस वर्ष कथारा क्षेत्र में 2 लाख से अधिक पेड़ लगाएं। इसके लिए कार्य योजना बनाकर इस पर कार्य भी शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि वृक्ष रहेगा तभी इंसानियत बचेंगे, अन्यथा पर्यावरण संतुलन बिगड़ने से इसका सीधा प्रभाव मानव जीवन के स्वास्थ्य पर पड़ेगा और हम सभी विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हो जाएंगे। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति का यह दायित्व बनता है कि वर्ष में 10 पेड़ अवश्य लगाएं। केवल पेड़ लगाने से पर्यावरण का संरक्षण संभव नहीं होगा। उस पेड़ को सिंचित कर तथा देखभाल कर उसे मजबूत स्थिति भी देना होगा, क्योंकि पेड़ से कभी हानि नहीं पहुंचता। वह सदैव लाभ ही देता है।
समारोह का संचालन कार्मिक प्रबंधक गुरु प्रसाद मंडल तथा धन्यवाद ज्ञापन विभागाध्यक्ष सीएसआर चंदन कुमार ने की। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष पर्यावरण श्यामसुंदर पाल के सहयोग से यहां हजारों फलदार तथा उपयोगी वृक्षों का वितरण किया गया, जबकि उपस्थित गणमान्य जनों द्वारा कार्यक्रम स्थल के आसपास दर्जनों वृक्ष लगाए गए। यहां डीएवी स्कूल कथारा के छात्राओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित पर्यावरण प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। जबकि, प्राथमिक विद्यालय रेलवे कॉलोनी के छात्रों सहित सीएसआर द्वारा उपलब्ध आसपास के लगभग आधा दर्जन विद्यालयों के छात्रों के बीच सोलर लाइट का वितरण क्षेत्र के महाप्रबंधक ऑपरेशन सी.बी.तिवारी तथा क्षेत्रीय वित्त प्रबंधक राजीव रंजन द्वारा किया गया। इस मौके पर महाप्रबंधक सह विभागाध्यक्ष उत्खनन जे.एस.पैकरा, कथारा वाशरी पीओ विजय कुमार, जारंगडीह पीओ विनोद कुमार, कथारा कोलियरी पीओ डी.के.सिन्हा, स्वांग गोविंदपुर पीओ ए.के.तिवारी, विभागाध्यक्ष पीएंडपी अर्जुन कुमार प्रसाद, क्षेत्रीय प्रबंधक कार्मिक एवं प्रशासन जयंत कुमार, क्षेत्रीय सुरक्षा पदाधिकारी सुनील कुमार गुप्ता, जे.पी.एन.सिंह, प्रीतम कुमार, जी.नाग, बी.जी.नायक, डॉ.एम.एन.राम, अवनीश कुमार, विभागाध्यक्ष असैनिक संजय सिंह, क्षेत्रीय सलाहकार समिति सदस्यगण, पर्यावरण सखी दीपमाला देवी, सीता देवी, सुशीला देवी के अलावा कथारा पंचायत के मुखिया पूनम देवी, उप मुखिया प्रमोद कुमार, पंसस दुलारी देवी, निभा देवी, वार्ड सदस्य जमुना देवी, रीता देवी, समाजसेवी डॉ.सर्जन चौधरी, सत्येंद्र दास, रामजी प्रसाद, श्याम सुंदर सिंह, मनोहर चौहान, शिव कुमार, आजसू नेता जुनैद अंसारी व् अन्य सैकड़ो लोग उपस्थित थे। वहीं कई फलदार तथा छायादार पौधों का निःशुल्क वितरण जन समूह को इस निवेदन के साथ किया गया की ये पौधे लगाने के साथ साथ इसका संरक्षण एवं संवर्धन भी करें।
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