झूठी विडियो वायरल करने की शिकायत, आयोग ने प्रकरण किया नस्तीबद्ध...
आज के सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया अनावेदक जेल में है। आवेदिका ने अनावेदक के खिलाफ 8 अगस्त 2024 को थाना देवभोग में धारा 376 (2) एन 376(3) लैगिंक अपराध बालको के संरक्षण अधिनियम की धारा 4 व 6 के तहत अपराध दर्ज किया है। जिसका चालान अभी न्यायालय में प्रस्तुत नहीं हुआ है। आवेदिका उड़िसा की निवासी है। उसे गरियाबंद न्यायालय में सुनवाई के लिये आना जाना पड़ेगा और उनके कम उम्र एवं आर्थिक स्थिति को देखते हुए सुनवाई के दौरान उसे सखी सेंटर में रूकने की व्यवस्था दिये जाने हेतु संरक्षण अधिकारी को निर्देशित किया गया, जहां वह थाना देवभोग से चालान मिलने व न्यायालय में प्रकरण दर्ज होने की जानकारी लेकर रखेगी और आवेदिका की सहयोग करेगी।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने केस से बचने के लिये थाना प्रभारी देवभोग के खिलाफ शिकायत प्रस्तुत किया था। आवेदिका ने आवेदन में बताया कि उनके घर से 5 बाईक चोरी किया था और उसके बेटे के साथ मारपीट किया गया था। जिसके लिए उसने आयोग में शिकायत किया, अनावेदक पक्ष ने दस्तावेज प्रस्तुत किया था। आवेदिका उसके पति ने उच्च न्यायालय बिलासपुर के याचिका प्रस्तुत किया। जिसे मुख्य न्यायाधीश द्वारा 24 जुलाई 2024 को खारीज कर दिया और उसमें आवेदिका और उसके पति के खिलाफ कार्यवाही करने का निर्देश भी दिया है। इस संबंध में महिला आयोग अध्यक्ष ने कहा कि उच्च न्यायालय बिलासपुर के निर्देश के बाद आयोग में इस प्रकरण का सुने जाने का औचित्य नहीं रहता है। इस तरह प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका और अनावेदक बिना शादी किये एक साथ 3 साल तक रह रहे थे। अनावेदक आवेदिका को छोड़कर भाग गया था। वर्तमान में आवेदिका द्वारा अन्य व्यक्ति से विवाह कर लिया गया है। ऐसी दशा में इस प्रकरण को आयोग में सुने जाने योग्य कोई औचित्य नहीं है। आवेदिका चाही तो अपने पैसे की वसुली के लिए दिवानी न्यायालय में प्रकरण दर्ज करा सकती है। प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदक के खिलाफ शिकायत किया था कि उनका फोटो विडियो वायरल किया था। दस्तावेज देखे जाने पर यह स्पष्ट है कि आवेदिका ने स्वीकार किया था कि उसका पैसा गिनते हुए फोटो है, पर वह फोटो रिश्वत के पैसे गिनने का नहीं है। आयोग के सुनवाई में थाना कोतवाली गरियाबंद ने बताया कि आवेदिका ने लिखित आवेदन दिया है कि वह अनावेदक के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं चाहती है, जिसकी प्रति आयोग में प्रस्तुत किया गया और प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने आवेदन प्रस्तुत किया है कि वह अपने प्रकरण पर कार्यवाही नहीं चाहती है। प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि थाने में उभयपक्ष के बीच सुलहनामा हो गया है। आयोग से राजीनामा होना चाहते हैं अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
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