गरियाबंद : जिले के सभी ग्राम पंचायतों में 01 सितम्बर से ग्रामीण मजदूरों का पंजीयन कार्य प्रारंभ हो गया है। ग्राम पंचायत पारागांव में आज योजना के तहत आवेदन लेने का सिलसिला जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संदीप अग्रवाल, एसडीएम विश्वदीप की मौजूदगी में प्रारंभ हुआ। डिप्टी कलेक्टर भूपेन्द्र साहू ने पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणजनों को योजना के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने ग्रामवासियों को अवगत कराया कि योजना के अंतर्गत चयनित भूमिहीन कृषि मजदूरों को सालाना 6 हजार रूपये की राशि राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जायेगी। भूमिहीन कृषि मजदूरों को संबल प्रदाय करने की दृष्टि से राज्य शासन द्वारा राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रारंभ किया जा रहा है। योजनांतर्गत कट ऑफ डेट (पात्रता दिनांक) 01 अप्रैल 2021 होगा। 01 अप्रैल 2021 की स्थिति में योजनांतर्गत निर्धारित पात्रता होनी चाहिए। योजना अंतर्गत पात्रता केवल छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को होगी। ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे सभी मूल निवासी भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र होंगे, जिस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है। पट्टे पर प्राप्त शासकीय भूमि यथा वन अधिकार प्रमाण पत्र को कृषि भूमि माना जाएगा। ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के अंतर्गत चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, घोबी, पुरोहित जैसे-पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक तथा शासन द्वारा समय-समय पर नियत अन्य वर्ग भी पात्र होंगे, यदि उस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है। भूमिहीन कृषि मजदूर से अभीप्राय ऐसा परिवार जो कोई कृषि भूमि धारण नहीं करता और जिसकी जीविका का मुख्य साधन शारीरिक श्रम करना है और उसके परिवार का जिसका की वह सदस्य है, कोई सदस्य किसी कृषि भूमि को धारण नहीं करता है। इसी तरह परिवार से आशय किसी व्यक्ति का कुटुम्ब अर्थात् उसकी पत्नी या पति, संतान तथा उन पर आश्रित माता-पिता से है। कृषि भूमि धारण नहीं करना से आशय, उस परिवार के पास अंश मात्र भी कृषि भूमि नहीं होना है। इस अवसर पर ग्राम पंचायत के पंचायत प्रतिनिधि और ग्रामीणजन मौजूद थे।
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