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जिला बनने के बाद पहली बार गठित जिला पशु कल्याण एवं पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक आयोजित...

कलेक्टर अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में पशु कल्याण से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर की गई चर्चा...

गरियाबंद/छत्तीसगढ़ : जिला बनने के बाद पहली बार गठित जिला पशु कल्याण एवं पशु क्रूरता निवारण समिति की विगत दिवस पहली बैठक आयोजित हुई। कलेक्टर दीपक अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में पशु कल्याण से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। साथ ही समिति में जरूरी सदस्यों को शामिल करने एवं पशु कल्याण की दिशा में सकारात्मक कार्य करने के निर्देश दिए गए। समिति की बैठक में पशुओं के इलाज एवं विभिन्न सेवाओं के लिए संभावित दर को अनुमोदन के लिए रखा गया। कलेक्टर अग्रवाल ने बड़े एवं छोटे पशुओं के पंजीयन शुल्क, रेबीज टीकाकरण, गर्भ परीक्षण, गर्भाशय में दवाई डालने सहित लघु एवं दीर्घ शल्य क्रिया के लिए प्रस्तावित शुल्क की जानकारी ली। साथ ही बड़े एवं छोटे पशुओं को स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी करने के शुल्क के भी प्रस्ताव की जानकारी ली। उन्होंने लोगों की सुविधा एवं पशु कल्याण को ध्यान में रखते हुए आवश्यकतानुसार शुल्क निर्धारित करने के निर्देश दिए। इस दौरान बैठक में पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा, वनमंडलाधिकारी लक्ष्मण सिंह, उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं ओपी तिवारी सहित पशु चिकित्सक एवं अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

बैठक में उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं ने जिला पशु कल्याण समिति एवं पशु क्रूरता निवारण समिति के बैठक के एजेंडा के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने समिति में जिले में पदस्थ विभागीय संस्थाओं के राजपत्रित अधिकारियों को समिति के पदेन सदस्य नियुक्त करने का प्रस्ताव रखा। साथ ही पशु चिकित्सालय को 50 हजार रुपए से अधिक दान देने वाले व्यक्ति एवं जनप्रतिनिधियों को भी समिति में सदस्य नियुक्त करने का प्रस्ताव रखा। उप संचालक ने बताया कि जिले में पशु कल्याण एवं पशु क्रूरता निवारण समिति का गठन पशुओं के कल्याण के लिए की गई है। समिति का उद्देश्य पशुओं के प्रति क्रूरता करने वाले व्यक्तियों पर निगरानी करने, उन्हे सचेत करने तथा आवश्यकता हुई तो सजा दिलाने हेतु कार्यवाही की दिशा में कार्य करना है। इसके अलावा पशुओं के चिकित्सा हेतु प्रबंध, बुढापे एवं अन्य किसी प्रकार से कार्य के आयोग्य पशुओं के लिये सदन बनाना एवं संस्कृति एवं सभ्यता के उत्थान में विश्वास रखने वाले व्यक्तियों से पशुओं के प्रति किसी प्रकार के क्रूर दुर्व्यवहार के संबंध में सूचना एवं सुझाव आमंत्रित करना भी उद्देश्य है। साथ ही विद्यालयों तथा अन्य संस्थाओं की पाठ्य पुस्तकों में पशुओं के प्रति बच्चों एवं युवाओं से मानवता एवं प्रेम भावना उत्पन्न करने कार्य करना एवं ऐसे पाठ रखवाना, पशुओं के प्रति हिंसा एवं क्रूरता के विरूद्ध व्यापक प्रचार प्रसार, मांसाहार के विरूद्ध व्यापक प्रचार एवं अन्य कानूनों के अंतर्गत पशुओं की हिंसा से संबंधित धाराओं का पालन करवाना भी समिति के उद्देश्य में शामिल है।  

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